Mushroom ki kheti: अब घर पर ही करे मशरुम की खेती, कम लागत में होगा डबल मुनाफा सरकार से भी मिलेगी सब्सिडी

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Mushroom ki kheti

Mushroom ki kheti: मशरूम एक प्रकार का फंगस/कवक है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है. मशरूम में कई प्रकार के लाभकारी गुण मौजूद होते हैं. भारत में गांव से लेकर बड़े कस्बों तक मशरूम बड़े पैमाने पर उगाया जा रहा है, क्योंकि मशरूम की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ रही है. मशरूम के लिए अधिक जमीन/जगह की आवश्यकता नहीं होती है. मशरूम की खास बात यह कि इसे घर पर भी उगाया जा सकता है. इसकी विधि बहुत ही आसान है. आज हम इस लेख के माध्यम से घर पर मशरूम उगाने की विधि बताने जा रहे हैं.

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कहां उगा सकते हैं मशरूम(Where can mushrooms be grown)

मशरूम  उगाने के लिए अधिक जगहों की आवश्यकता नहीं होती है. आप किचन गार्डन या फिर टेरेस गार्डन में मशरूम उगा सकते हैं. लोगों को लगता है कि यह काम बहुत ही मुश्किल है, मगर इसके लिए अधिक मेहनत की आवश्यतकता नहीं होती है. बस जरूरत है तो थोड़ी सी देखभाल की.

मशरूम  उत्पादन के लिए सामाग्री(Ingredients for mushroom production)

मशरूम के उच्छे उत्पादन के लिए अधिक सामाग्री की आवश्कता नहीं होती है. यदि आप घर मशरूम उगाना चाहते हैं तो आपको नजदीकी नर्सरी या फिर हॉर्टिकल्चर सेंटर से बीज की व्यवस्था करनी होगी. इसके अलावा आप ऑनलाइन माध्यम से भी मशरूम के बीज खरीद सकते हैं. 2 किलोग्राम मशरूम के उत्पादन के लिए आपको निम्न सामाग्री की आवश्यकता होगी.

  • एक किलोग्राम धान/गेहूं का डंठल
  • मशरूम के बीज 100 ग्राम
  • पानी 10 लीटर
  • प्लास्टिक बैग ट्रांसपेरेंट
  • थर्माकॉल/कम्बल
  • टब या बाल्टी

Mushroom ki kheti: अब घर पर ही करे मशरुम की खेती, कम लागत में होगा डबल मुनाफा सरकार से भी मिलेगी सब्सिडी

घर पर कैसे उगाएं मशरूम(How to grow mushroom at home)

  • सबसे पहले डंठलों को कीटाणुरहित करना है, जिसके लिए डंठलों को गर्म पानी में डालें.
  • 2 घंटे बाद इसे एक बाल्टी में डाल लें तथा ऊपर से कम्बल से ढक दें.
  • अब इन डंठलों को पानी से निकालकर रात भर सूखने को रख दें.
  • ध्यान रहे कि इसे धूप नहीं लगनी चाहिए.
  • सूखे हुए डंठलों में मशरूम के बीज अच्छे से मिला लें, उसके बाद इन्हें प्लास्टिक के बैग में भर दें.
  • बैग को अच्छी तरह से बंद कर लें, ताकि इनके अंदर नमी न जा पाए. जिसके बाद बैग में 10 -15 छेद कर लें.
  • अब इन बैग को अंधेरे कमरे में रख दें, जहां पर धूप बिलकुल ही ना लगती हो. जिसके बाद 15 से 20 दिनों तक बैग को ऐसे ही रहने दें, जब तक बैग पूरा सफेद ना होने लगे.
  • अब बैग को नम वातावरण की आवश्कता होती है, जिसके लिए मशरूम के बैग को बालकनी में रख दें. उसके बाद दिन में 4 से 5 बार पानी स्प्रे करते रहें, जब तक मशरूम उगने ना लगे.
  • अब आपके मशरूम तैयार है. आप एक-एक कर मशरूम को तोड़ लें.

खर्च कम और मुनाफा अधिक(cost less and profit more)

मशरूम  उत्पादन यदि सही प्रकार से किया जाए तो आपकी लागत कम आएगी तथा मुनाफा अधिक होगा. आपको घर पर ही ताजे मशरूम मिल जाएंगे.

क्‍यूबों को समायोजित करेगा।

विधि

भूसे को हाथ के यंत्र से 3-5 सेमी लम्‍बे टुकडों में काटिए तथा टाट की बोरी में भर दीजिए। एक ड्रम में पानी उबालिए। जब पानी उबलना शुरू हो जाए तो भूसे के साथ टाट की बोरी को उबलते पानी में रख दीजिए तथा 15-20 मिनट तक उबालिए। इसके पश्‍चात फेरी को ड्रम से हटा लीजिए तथा 8-10 घंटे तक पड़े रहने दीजिए ताकि अतिरिक्‍त पानी निकल जाए तथा चोकर को ठंडा होने दीजिए। इस बात का ध्‍यान रखा जाए कि ब्‍लॉक बनाने तक थैले को खुला न छोड़ा जाए क्‍योंकि ऐसा होने पर उबला हुआ चोकर संदूषित हो जाएगा। हथेलियों के बीच में चोकर को निचोड़कर चोकर की वांछित नमी तत्‍व का परीक्षण किया जा सकता है तथा सुनिश्चित कीजिए कि पानी की बूंदे चोकर से बाहर न निकलें।

चोकर के पाश्‍चुरीकृत का दूसरा तरीका भापन है। इस तरीके के लिए ड्रम में थोड़े परिवर्तन की आवश्‍यकता होती है (ड्रम के ढक्‍कन में एक छोटा छेद कीजिए तथा चोकर को उबालते समय रबर की ट्यूब से ढक्‍कन के चारों ओर सील लगा दीजिए) टुकड़े-डुकड़े किए गए चोकर को पहले भिगो दीजिए तथा अतिरिक्‍त पानी निकाल दिया जाए। ड्रम में कुछ पत्‍थर डाल दीजिए तथा पत्‍थर के स्‍तर तक पानी उड़ेलिए। बांस की टोकरी में रखकर गीले चोकर को उबाल दें तथा ड्रम के अंदर पत्‍थर के ऊपर टोकरी को रख दें। ड्रम के ढक्‍कन को बंद कर दें तथा रबर की ट्यूब से ढक्‍कन की नेमि को सील कर दीजिए। उबले हुए पानी से उत्‍पन्‍न भाप चोकर से गुजरते हुए इसे पाश्‍चु‍रीकृत करेगी। उबालने के बाद चोकर को पहले से कीटाणुरहित किए गए बोरी में स्‍थानांतरित कर दिजिए तथा 8-10 घंटे तक इसे ठंडा होने के लिए छोड़ दीजिए।

  • लकड़ी का एक सांचा लीजिए तथा चिकने फर्श पर रख दीजिए। पटसून की दो रस्सियों ऊर्ध्‍वाधर एवं अनुप्रस्‍थ रूप में रख दीजिए। प्‍लास्टिक की शीट से अस्‍तर लगाइए जिसे पहले उबलते पानी में डुबोकर कीटाणुरहित किया गया है।
  • 5 सेमी. के उबले चोकर को भर दीजिए तथा लकड़ी के ढक्‍कन की मदद से इसे सम्‍पीडित कीजिए तथा पूरी सतह पर स्‍पान को छिड़किए।
  • स्‍पानिंग की प्रथम तह के उपरान्‍त 5 सेमी का अन्‍य चोकर रखिए तथा सतह पर पुन: स्‍थान का छिड़काव करें तथा प्रथम तह में किए गए की तरह इसे सम्‍पीडित कीजिए। इस प्रकार तह पर स्‍पान को 4 से 6 तह तक के लिए तब तक छिड़किए जब तक चोकर सांचे के शीर्ष के स्‍तर तक न आ जाए। एक (1) एक पैकेट स्‍पान का इस्‍तेमाल 1 क्‍यूब अथवा ब्‍लाक के लिए किया जाना चाहिए।
  • अब प्‍लास्टिक की शीट सांचे की शीर्ष पर मोडी जाए प्‍लास्टिक के नीचे पहले रखी गई पटसून की रस्सियों से उसे बांध दिया जाए।
  • बांधने के उपरांत सांचे को हटाया जा सकता है तथा चोकर का आयताकर खंड पीछे बच जाता है।
  • वायु के लिए खंड के सभी तरफ छेद (2 मिमी व्‍यास) बनायें।
  • ऊष्‍मायन कक्ष में ब्‍लॉक को रख दीजिए उन्‍हें सरल तह में एक दूसरे के बगल रखा जाए तथा इस बात का ध्‍यान रखा जाए कि उन्‍हें फर्श पर अथवा एक दूसरे के शीर्ष पर सीधे न रखा जाए क्‍योंकि इससे अतिरिक्‍त ऊष्‍मा उत्‍पन्‍न होगी।
  • ब्‍लॉक का तापमान 250 से. पर रखा जाए। ब्‍लॉक के छिद्रों में एक तापमापक डालकर इसे नोट किया जा सकता है। यदि तापमान 250 से. से ऊपर जाता है तो कमरे में गैस भरने की सलाह दी जाती है। तथा यदि तापमान में गिरवाट आती है, तो कमरे को धीरे-धीरे गर्म किया जाना चाहिए।
  • पूरे पयाल में फैलने के लिए स्‍पान को 12 से 15 दिन लगता है तथा जब पूरा ब्‍लॉक सफेद हो जाए तो यह निशान है कि स्‍पान संचालन पूरा हो गया है।
  • अण्‍डज परिपालन के उपरांत ब्‍लॉक से रस्‍सी तथा प्‍लास्टिक की शीट को हटा दीजिए। नारियल की रस्‍सी से ब्‍लॉक को अनुप्रस्‍थ रूप में बांध दीजिए तथा इसे फसल कक्ष में लटका दीजिए। इस अवस्‍था से आगे कमरे की सापेक्ष आर्द्रता 85 प्रतिशत से कम नहीं होनी चाहिए। ऐसे दीवारों तथा कमरे की फर्श पर जल छिड़क करके समय-समय पर किया जा सकता है। यदि फर्श सीमेंट का है, तो सलाह दी जाती है कि फर्श पर पानी डालिए ताकि फर्श पर हमेश पानी रहे। यदि खंड हल्‍का से सूखने का लक्षण जिससे लगे तो स्‍प्रेयर के माध्‍यम से स्‍प्रे किया जा सकता है।
  • ए‍क सप्‍ताह से 10 दिन के भीतर ब्‍लॉक की सतह पर छोटे-छोटे पिन शीर्ष दिखाई पड़ेगे तथा ये एक या दो दिन के भीतर पूरे आकार के मशरूम हो जाएंगे।
  • जब फल बनना शुरू होता है तो हवा की जरूरत बढ़ जाती है। अत: जब एक बार फल बनना शुरू हो जाता है तो आवश्‍यक है कि हर 6 से 12 घण्‍टो बाद कमरे के सामने और पीछे दिए गए वेंटीलेटर खोलकर ताजी हवा अंदर ली जाए।
  • जब आवरणों की परिधि ऊपर की ओर मुड़ना शुरू हो जाती है तो फल काया (मशरूम) तोड़ने के लिए तैयार हो जाते है। ऐसा जाहिर होगा क्‍योंकि छोटी-छोटी सिलवटें आवरण पर दिखाई पड़ने लगती है।
  • मशरूम को काटने के लिए अंगूठे एवं तर्जनी से आधार पर डाल को पकड़ लीजिए तथा हल्‍के क्‍लाकवाइज मोड़ से पुआल अथवा किसी छोटे मशरूम उत्‍पादन को विक्षोभित किए बिना मशरूम को डाल से अलग कर लीजिए। काटने के लिए चाकू अथवा कैंची का इस्‍तेमाल मत करें। एक सप्‍ताह के बाद ब्‍लॉक में फिर से फल आने शुरू हो जाएंगे।

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