Dairy Farm : साहीवाल नस्ल की गाय का बिज़नेस शुरू कर होंगी लाखो की कमाई, सरकार दे रही है भरपूर सब्सिडी, यह सख्स कमा रहा है 30 लाख रूपये महीना

Dairy Farm : आज के समय में लोग नए नए बिज़नेस शुरू कर लाखो की कमाई करते है। डेयरी फार्मिंग का बिजनेस आय का एक बढ़िया सोर्स साबित हो रहा है. आप गांव में रहकर कमाई का जरिया बना सकते हैं. इस बिजनेस में कम लागत में मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है. इस बिजनेस की खास बात यह है कि गाय के गोबर से लेकर दूध तक सब बिक जाता है. इसके अलावा गोबर से ऑर्गेनिक खाद बनाकर खेतों में इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं, दूध से भी कई तरह के प्रोडक्ट बनाकर बेच सकते हैं.
UP के सोनभद्र जिले के भानु भास्कर सिंह ने एग्रीकल्चर से ग्रेजुएशन करने के बाद नौकरी नहीं की. उन्होंने खेती-किसानी में अपना करियर बनाया. उसने डेयरी फार्मिंग का बिजनेस शुरू किया. उनका कहना है कि देश के सभी क्षेत्र डेयरी फार्मिंग बिजनेस लगाने उपयुक्त है. भारत में अधिकांश डेयरी किसान पारंपरिक रूप से पशुओं को पाल रहे हैं, उन्हें डेयरी फार्मिंग की उन्नत तकनीकों के बारे में जानकारी नहीं है. कुछ किसानों को अपने निवेश पर मुनाफा के बजाय नुकसान हो रहा है.
बैंक से लोन लेकर खरीदी अच्छी नस्ल की गाय (Bought a cow of good breed by taking a loan from the bank)
Dairy फार्मिंग का बिजनेस शुरू करने से पहले भानु ने एग्री क्लिनिक्स एंड एग्री बिजनेस सेंटर्स स्कीम से दो महीने की ट्रेनिंग. वो डेयरिंग फार्मिंग से अच्छी कमाई कर रहे हैं. डेयरी खोलने के लिए सबसे जरूरी है कि अच्छी नस्ल की गाय को चुनना. भानु ने डेयरी बिजनेस शुरू करने के लिए बैंक से 20 लाख रुपये का लोन लिया. उन्होंने स्वदेशी नस्ल यानी साहिवाल, गिर और गंगातीरी गायें खरीदी. इन गायों से कुल 40 से 50 लीटर दूध मिल जाते हैं.
इसके अलावा, वो वर्मी कम्पोस्ट बनाते हैं और अपनी खुद की 76 एकड़ जमीन में इस कम्पोस्ट का इस्तेमाल करते हैं. कुल जमीन में से 20 एकड़ में ऑर्गेनिक खेती करते हैं. उनका कहना है कि धीरे-धीरे वे सारी जमीन पर ऑर्गेनिक खेती करेंगे. वो अन्य सिानों को भी ऑर्गेनिक खेती की सलाह देते हैं. नाबार्ड (NABARD) ने उनको 36% सब्सिडी दी है.
डेयरी फार्मिंग से होंगी लाखों की कमाई (Dairy farming will earn lakhs)
भानु डेयरी के बिजनेस से अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं. मैनेज के मुताबिक, उनका सोनभद्र डेयरी फार्म का टर्नओवर 30 लाख रुपये सालाना हो गया है. उनसे 5 गांवों के 150 किसान जुड़े हैं. वो 4 कुशल और 10 अकुशल श्रमिकों को रोजगार दे रहे हैं.