आम आदमी के लिए बड़ी खुशखबरी सरसों के तेल के भाव में आई भारी गिरावट, नए दाम हो जायेंगे खुश

आम आदमी के लिए बड़ी खुशखबरी सरसों के तेल के भाव में आई भारी गिरावट, नए दाम हो जायेंगे खुश। नए साल में सरसों के दाम में बढ़ोतरी देखने मिली थी। कुछ समय से सरसों के दाम में भारी गिरावट आ गयी है। बढ़ते तेल के दाम से आम आदमी काफी परेशान हो गया था पर अब भाव कम होते देख राहत भरी खबर सामने आ रही है.
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आम आदमी के लिए बड़ी खुशखबरी सरसों के तेल के भाव में आई भारी गिरावट, नए दाम हो जायेंगे खुश
पिछले साल सरसो का उत्पादन

सरसों के तेल के भाव का सरसों के उत्पादन से अच्छा खासा प्रभाव देखने मिलता है। सरसों तेल क्षेत्र की शीर्ष संस्था सेंट्रल आर्गनाइजेशन ऑफ ऑयल इंडस्ट्री एंड ट्रेड (COOIT) के अध्यक्ष सुरेश नागपाल के मुताबिक रबी फसल में इस साल कुल 113 लाख टन सरसों का उत्पादन हो रहा है। इसमें यदि पिछले साल के छह लाख टन का कैरी फारवर्ड भी जोड़ दें तो इस साल पेराई के लिए 119 लाख टन सरसों उपलब्ध है। इसमें रेपसीड या तोरिया के करीब दो लाख टन के उत्पादन को शामिल नहीं किया गया है। पिछले साल इसी रबी सीजन में 109.50 लाख टन सरसों का उत्पादन हुआ था। उनका कहना है कि इस साल मौसम की वजह से सरसों की यील्ड पर करीब पांच फीसदी का फर्क पड़ा है।
सरसों के दाम में आई भारी गिरावट

नई सरसों का दाम भी घट कर 5,000 से 5,200 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गया है। इसलिए सरसों तेल की एक्स फैक्ट्री कीमत भी 125 रुपये लीटर से घट कर 106 रुपये तक आ गई है। उनका कहना है कि इस साल सरसों तेल के भाव में कोई खास कमी-बेशी की संभावना नहीं है। जब सरसों तेल की एक्स फैक्ट्री कीमत घटी है तो खुदरा बाजार में भी सरसों तेल का दाम घटना शुरू हो गया है। एक महीने पहले जो सरसों तेल 130 रुपये से 140 रुपये प्रति लीटर बिक रहा था, वह अब घट कर 120 से 125 रुपये लीटर पर आ गया है।
आम आदमी के लिए बड़ी खुशखबरी सरसों के तेल के भाव में आई भारी गिरावट, नए दाम हो जायेंगे खुश
इस साल सरसों के रकबे में हुई बढ़ोतरी

उम्मीद की जा रही है की सरसो के तेल के दाम में इस साल कमी देखने मिल सकती है। इस साल देश में सरसों की खेती का रकबा बढ़ा है। COOIT से मिले आंकड़े के मुताबिक पिछले साल देश भर में 86.04 लाख हैक्टेअर क्षेत्र में सरसों की खेती की गई थी। यह इस साल बढ़ कर 92.48 लाख हैक्टेअर तक पहुंच गया है। हालांकि इस साल सरसों की उपज कम हुई है। पिछले साल प्रति हैक्टेअर सरसों की यील्ड 1,270 किलो रही थी। वह इस साल यह घट कर 1,221 किलो रह गई है।