क्या बढ़ते तापमान से कम हो सकता है गेहूं का उत्पादन बढ़ सकते है फिर गेहूं के भाव, कृषि मंत्री ने इस पर दिया बयान

क्या बढ़ते तापमान से कम हो सकता है गेहूं का उत्पादन बढ़ सकते है फिर गेहूं के भाव, कृषि मंत्री ने इस पर दिया बयान। इस बार पिछले सालों के मुकाबले ज्यादा गर्मी पड़ रही है। अप्रैल वाली गर्मी फरवरी और मार्च में ही देखने को मिल रही है। लेकिन इस गर्मी का असर गेहूं उत्पादन पर कितना पड़ेगा, इस पर सरकार का कहना है कि इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बढ़ते तापमान का गेहूं की फसल पर अब तक कोई प्रभाव नहीं देखा गया है. संभावित प्रभाव के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.
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शुरू हो चुकी है गेहूं कटाई
इन दिनों मौसम में काफी बदलाव चल रहा है। गुजरात के साथ ही मध्य प्रदेश में गेहूं की फसल की कटाई आरंभ हो चुकी है तथा चालू महीने के अंत तक राजस्थान में भी नए गेहूं की कटाई आरंभ हो जायेगी। हरियाणा एवं पंजाब तथा उत्तर प्रदेश में गेहूं की कटाई मार्च के अंत एवं अप्रैल के आरंभ में शुरू होगी। कृषि मंत्री तोमर ने बताया सरकार ने 20 फरवरी को तापमान में असामान्य वृद्धि और गेहूं की फसल पर इसके प्रभाव से उत्पन्न स्थिति की निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया।
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अब नहीं होंगा फसलों को नुकसान
पिछले समय फरवरी माह में तेजी से बढ़ते तापमान से फसल पर इसका अच्छा खासा असर देखने मिल सकता था.इस महीने की शुरुआत में, खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा था, ‘अगले दो हफ्तों में गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाने वाली कोई लू चलने की आशंका नहीं है, जो अनाज के गठन की एक महत्वपूर्ण अवधि है.’ भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के निदेशक एके सिंह ने पिछले महीने कहा था कि 35 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान गेहूं की फसल के लिए चिंता का विषय नहीं है.
सरकार ने खुले बाजार में बेचा 50 लाख टन गेहूँ
बढ़ते दाम पर सरकार ने खुले बाजार में गेहूं बेचने का फैसला लिया था। इस साल जनवरी महीने में गेहूं की कीमतों में कई बार असामान्य रूप से इजाफा हुआ था. इससे आटा का रेट काफी महंगा हो गया था. ऐसे में एफसीआई ने कीतमों पर लगाम लगाने के लिए ई- नीलामी के माध्यम से गेहूं का अतिरिक्त स्टॉक बेचना शुरू किया. दरअसल, एफसीआई ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत समय-समय पर केंद्रीय पूल से गेहूं के अतिरिक्त स्टॉक को खुले बाजार में बेचता है. इस साल एफसीआई ने ई- नीलामी के माध्यम से 50 लाख टन गेहूं बेचने का फैसला किया. 15 मार्च तक वह 45 लाख टन गेहूं बेच चुका था. इसका खुदरा मार्केट में असर भी देखने को मिल रहा है. इससे आटे और गेहूं की कीमतों में गिरावट आई है.