असील मुर्गे के पालन से होंगी तगड़ी कमाई, कड़कनाथ मुर्गे से है कई गुना फायदेमंद

0
असील मुर्गे के पालन से होंगी तगड़ी कमाई, कड़कनाथ मुर्गे से है कई गुना फायदेमंद

भारत में किसान खेती करने के अलावा पशुपालन और मुर्गी पालन भी बड़े स्तर पर करते हैं. इससे किसानों की अच्छी कमाई हो जाती है. खास बात यह है कि पशुपालन और मुर्गी पालन को अलग- अलग राज्य सरकारें भी बढ़ावा दे रही हैं. इसके लिए राज्य सरकारें समय- समय पर सब्सिडी जारी करती रहती हैं. सरकार चाहती है कि किसानों की जल्द से जल्द इनकन बढ़ाई जाए. वहीं, किसान भी इसके लिए खूब मेहनत कर रहे हैं.

यह भी पढ़िए – TVS Raider 125 बाइक निकली तुरुप का एक्का, स्मार्ट फीचर्स और किलर लुक से KTM की लगाईं वाट

बहुत ही फायदेमंद है यह मुर्गा

मीट उत्पादन के लिए असील मुर्गियां और मुर्गों का पालन किया जाता है. इसके मीट की कीमत बहुत ही ज्यादा होती है। आज बहुत ज्यादा मार्केट में इसके मीट की डिमांड है। अंडे उत्पादन के मामले में इनकी मुर्गियां कमजोर मानी जाती हैं. इस मुर्गी के अंदर सालाना सिर्फ 60 से 70 अंडे देने की क्षमता है. इसके अंडे की कीमत काफी ज्यादा होती है. असील मुर्गी का एक अंडा 100 रुपये में खरीदा जाता है. इसके अंडे का सेवन आंखों के लिए भी फायदेमंद होता है.

यह भी पढ़िए – नए अवतार में मार्केट में तहलका मचाने आ रही है Maruti Swift, दमदार माइलेज से जीत लेंगी सबका दिल

लड़ाकू है यह मुर्गा

असील मुर्गी कोई विकसित या नई नस्ल नहीं है, बल्कि मुगलों से समय से ही इस रंग-बिरंगे मुर्गे का काफी क्रेज रहा है. पुराने समय में नवाबों को बड़ा मुर्गे लड़ाने का शौक था. उस खेल का विजेता यही असील मुर्गा है. यही वजह है कि इसे फाइटर कौम भी कहते हैं.दूसरी नस्लों की तुलना में असील मुर्गा भी कई वैरायटी में उपलब्ध है. बाजार में इसकी रेजा, टीकर, चित्ताद, कागर, नूरिया 89, यारकिन और पीला वैरायटी खूब फेमस है. 

ऐसे होते है असील मुर्गे

असील मुर्गियां अन्य मुर्गियों की तुलना में काफी अलग हैं। यह बहुत ही बड़ा होता है। इन नस्ल का पालन बैकयार्ड फार्म में भी किया जा सकता है। असील नस्ल की मुर्गियों का अंडा उत्पादन भले ही कम हो, लेकिन अन्य नस्ल की मुर्गियों की तुलना सालभर में इस नस्ल की मुर्गियां से अधिक कमाई हो सकती हैं। मुर्गियों की यह कोई नई किस्म नहीं है, बल्कि यह मुगलों के शासन से चली आ रही है। इस नस्ल के मुर्गें या मुर्गिंयो की प्रवृत्ति लड़ाकू होती है। इनकी गर्दन लंबी और बेलनाकार होती है। असील मुर्गे-मुर्गियों के पैर लंबे, सीधे और मजबूत होते हैं। इनका मुंह लंबा और बेलनाकार होता है। इस नस्ल के मुर्गों का वजन 4 से 5 किलो होता है और इनकी मुर्गियों का वजन 3 से 4 किलो होता हैं। इसके कोकराल (युवा मुर्गे) का औसतन वजन 3.5 से 4.5 किलो तक होता है और पुलैट्स का औसतन वजन 2.5 से 3.5 किलो तक होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed