CM Gehlot : अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को कहा- गद्दार, राजस्थान में एक बार फिर शुरू हुआ सियासी बवाल

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CM Gehlot : राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा है कि सीएम अशोक गहलोत ने हमारे खिलाफ तमाम बातें कहते रहते हैं। वे हमें नाकारा, निकम्मा और गद्दार कह रहे हैं तो इस पर जवाब देने का यह समय उचित नहीं है। यह समय भाजपा को हराने के लिए एकजुट होकर लड़ने का है, अभी हम सब राहुल गांधी का हाथ मजबूत करने में लगे हैं। भाजपा के खिलाफ एकजुट होना अधिक महत्वपूर्ण है।

गहलोत ने पायलट को बताया गद्दार 

अशोक गहलोत ने कहा कि सचिन पायलट के पास आज के दिन 10 विधायक भी नहीं है. जो गद्दारी कर चुका है. जिसने बीजेपी से 10 करोड़ रुपए लिए जिसके मेरे पास सबूत है. ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री के रुप में स्वीकार नहीं कर सकते है. हाल ही में जब सचिन पायलट ने ये कहा था कि जिन लोगों ने अनुशासन हीनता की है उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. उसके बाद खुद गहलोत ने अलवर में जवाब दिया था कि पार्टी की तरफ से हम सबको ये निर्देश दिया गया है कि कोई बयानबाजी न करें, ऐसे में बयानबाजी करना पार्टी के हित में नहीं है.

Sachin Pilot बोले- पहले भारत जोड़ो यात्रा को कामयाब होने दीजिए

उनके जवाब में सचिन पायलट ने कहा, मैं समझता हूं कि इस तरह के झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाने की अभी जरूरत नहीं है। आज जरूरत इस बात की है कि हम कैसे कांग्रेस पार्टी को मजबूत करें। राहुल गांधी जी भारत जोड़ो यात्रा लेकर निकले हैं। मैं आज उनके साथ मध्य प्रदेश में था। अगले महीने यात्रा राजस्थान में आ रही है। सबको मिलकर इस यात्रा को कामयाब बनाना है, क्योंकि आज वो देश की जरूरत है।

विधानसभा चुनाव से पहले तकरार, बिगाड़ न दे कांग्रेस का गेम

2023 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं लेकिन राज्य के दो बड़े दिग्गज नेता एक-दूसरे के पर कतरने में जुट गए हैं. सचिन पायलट को राजस्थान कांग्रेस का भविष्य कहा जा रहा है लेकिन अशोक गहलोत को वह जरा भी पसंद नहीं हैं. कांग्रेस आलाकमान से लेकर प्रदेश पर्यवेक्षक तक, सचिन पायलट और अशोक गहलोत में संधि कराने की कोशिश कर चुके हैं लेकिन हमेशा निराशा ही हाथ लगी है.

अशोक गहलोत इंटरव्यू में यहीं पर नहीं रुके. उन्होंने 2020 का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसा पहली बार हुआ था कि एक पार्टी अध्यक्ष ने ही अपनी सरकार गिराने की कोशिश की थी. अशोक गहलोत ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस विद्रोह को भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने हवा दी थी. इस विद्रोह की फंडिंग बीजेपी ने की थी.

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