चने की यह खास किस्म देंगी किसानों को बम्फर पैदावार, प्रति हेक्टर में होती है 30 क्विंटल की उपज

0
चने की यह खास किस्म देंगी किसानों को बम्फर पैदावार, प्रति हेक्टर में होती है 30 क्विंटल की उपज

चने की यह खास किस्म देंगी किसानों को बम्फर पैदावार, प्रति हेक्टर में होती है 30 क्विंटल की उपज। किसान भाई अब कुछ समय बाद चने की बुवाई करेंगे। किसान भाई अब अच्छी किस्म की बुवाई कर अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते है। आज हम आपको चने की उन्नत किस्म के बारे में बताने जा रहे है। हमारे देश में सबसे ज्यादा चने की खेती मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और कर्णाटक आदि राज्यों में होती है।

यह भी पढ़िए – Bajaj Pulsar को गुलाम बना लेंगा Yamaha FZ का किलर लुक, दमदार इंजन से मार्केट में कर रही है एक तरफ़ा राज

काबुली चने की उन्नत किस्म

श्वेता

काबुली चने की इस किस्म को जल्द पैदावार देने के लिए तैयार किया गया है. जिसे आई सी सी व्ही 2 के नाम से भी जानते हैं. इसके दाने मध्य मोटाई वाले आकर्षक दिखाई देते हैं. जो बीज रोपाई के लगभग 85 से 90 दिन बाद पककर तैयार हो जाते हैं. इस किस्म के पौधों का प्रति हेक्टेयर औसतन उत्पादन 15 से 20 क्विंटल के बीच पाया जाता है. काबुली चने की इस किस्म को सिंचित और असिंचित दोनों जगहों पर आसानी से उगाया जा सकता है. इसके दाने छोले के रूप में अधिक स्वादिष्ट होते हैं.

चने की ये एक विदेशी किस्म है, जिसके पौधे सामान्य ऊंचाई के पाए जाते हैं. इस किस्म के पौधों को असिंचित भूमि में अधिक पैदावार देने के लिए तैयार किया गया है. इसके पौधे रोपाई के लगभग 90 से 100 दिन बाद पककर तैयार हो जाते हैं. इसके दाने आकार में मोटे दिखाई देते हैं. जिनका रंग बोल्ड सफेद और चमकदार पाया जाता है. जो काफी आकर्षक दिखाई देते हैं. इसके दानो का बाजार भाव काफी अच्छा मिलता है. इसके पौधों का प्रति हेक्टेयर औसतन उत्पादन 25 से 35 क्विंटल के बीच पाया जाता है. लेकिन फसल की देखभाल अच्छे से की जाए तो पौधों का प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ाया जा सकता है. इसके पौधों पर कीट रोग का प्रभाव काफी कम देखने को मिलता है.

यह भी पढ़िए – Mahindra Scorpio की बत्तीसी गायब कर देंगी Toyota की नई 7 सीटर कार, दमदार इंजन से मार्केट में मचायेंगी बवाल

हरियाणा काबुली न. 1

चने की इस किस्म को मध्यम समय में अधिक पैदावार देने के लिए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा तैयार किया गया है. इस किस्म के पौधे रोपाई के लगभग 110 से 130 दिन बाद कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं. जिनका प्रति हेक्टेयर औसतन उत्पादन 25 से 30 क्विंटल के बीच पाया जाता है. काबुली चने की इस किस्म को बारानी भूमि को छोड़कर लगभग सभी तरह की भूमि में उगा सकते हैं. इसके पौधे अधिक शखाओं युक्त फैले हुए होते हैं. इसके दानो का आकार सामान्य और रंग गुलाबी सफ़ेद होता है. इसके पौधों में उकठा रोग काफी कम देखने को मिलता है.

चने की यह खास किस्म देंगी किसानों को बम्फर पैदावार, प्रति हेक्टर में होती है 30 क्विंटल की उपज

काक 2

चना की ये एक मध्यम समय में पककर तैयार होने वाली किस्म हैं. इसके पौधे सामान्य ऊंचाई के पाए जाते हैं. जिन पर उकठा रोग देखने को नही मिलता. इसके पौधे रोपाई के लगभग 110 से 120 दिन बाद पककर तैयार हो जाते हैं. जिनका प्रति हेक्टेयर औसतन उत्पादन 15 से 20 क्विंटल के बीच पाया जाता है. इसके दाने सामान्य मोटाई और हल्के गुलाबी रंग के पाए जाते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *