किसान लाल भिंडी की खेती से कर सकते है तगड़ी कमाई, बहुत सी बीमारी पर करती है काम, 1kg का यह है रेट

किसान लाल भिंडी की खेती से कर सकते है तगड़ी कमाई, बहुत सी बीमारी पर करती है काम, 1kg का यह है रेट। आज मार्केट में बहुत सी प्रकार की सब्जिया देखने है. जब भिंडी ‘लाल’ हो जाती है तो वह लाभकारी और पौष्टिक भी हो जाती है. भिंडी की नई लाल किस्म, जिसे ‘कुमकुम भिंडी’ के नाम से जाना जाता है, उत्तर प्रदेश में उगाई जाने वाली एक अद्भुत फसल है जो किसानों की आय को भी दोगुना कर सकती है.
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बीमारियों के काम आती है कुमकुम भिंडी
बहुत उपयोगी है कुमकुम भिंडी मार्केट में बहुत ज्यादा डिमांड। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार ‘कुमकुम भिंडी’ में 94 फीसदी पॉलीअनसेचुरेटेड फैट होता है जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है. इसके साथ ही इसमें 66 फीसदी सोडियम की मात्रा हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मददगार होती है, वहीं इसका 21 फीसदी आयरन एनीमिया की संभावना को कम करता है और 5 फीसदी प्रोटीन शरीर के मेटाबॉलिक सिस्टम को ठीक रखता है.
कम लागत में तगड़ा मुनाफा
कुमकुम की खेती गेहूं की सीजन में होती है। इसकी बुआई अक्टूबर नवंबर में होती है और मार्च अप्रैल में कटती है। इसमें खाद की ज्यादा जरूरत नहीं होती है। गेहूं की तरह इसमें समय-समय पर पानी की जरूरत होती है। इसे एक बीघा में ढाई से तीन किलो तक बोया जाता है। जबकि प्रति बीघे उत्पादन छह से सात कुंतल होता है। इसका रेट 45 से 60 रुपये किलो अर्थात साढ़े तीन हजार रुपये क्विंटल है। इसका फूल भी बिकता है।