बहुत ही कम जगह में शुरू करे बीटल नस्ल की बकरी का पालन कम समय में देता है तगड़ा मुनाफा

0
bakri palan

बहुत ही कम जगह में शुरू करे बीटल नस्ल की बकरी का पालन कम समय में देता है तगड़ा मुनाफा जैसा की आपको बता दे की भारत एक कृषि प्रधान देश है और किसानो की आय का एक मात्र जरिया खेती है और हम आज आपको बता दे की जो गरीब किसान है उनके लिए अच्छा बिज़नेस तो जानिए पूरी खबर दिव्य जागरण के साथ आज जिस बकरी के बारे में बताने जा रहे है उससे आप घर पे छोटी सी जगह में भी पाल कर अच्छा खासा मुनफा कमा सकते है. हम बात कर रहे है बीटल नस्ल की बकरी की आपको बाता दे की यह बकरी एक घरेलू बकरी है।इसे लाहौरी बकरी के नाम से भी जाना जाता है। बीटल बकरी की नस्लें, जिन्हें ज्यादातर दूध और मांस के लिए पाला जाता है। बीटल बकरी की शुरुआत भारत के पंजाब शहर से हुई है। आइये आपको इस नस्ल की बकरी के बारे में विस्तार से बताते है.

यह भी पड़े-नए अवतार में मार्केट में हुड़दंड मचाने आ रही है नए डैशिंग लुक में Tata Nexon, देखने मिलेंगे कई बड़े बदलाव

बीटल बकरी की पहचान

बीटल बकरी के पहचान के बारे में बताये तो रोमन नाक के साथ उनका सर विशाल और चौड़ा होता है। लंबे आकार के पैर और कान होते हैं। एक बीटल बकरा लगभग 50 से 70 किलो के बीच में होता है। वही एक बकरी 40 से 60 किलो के बीच में होती है। इनमें प्रति दिन 1.5 से 4 किलोग्राम दूध देने की क्षमता भी होती है।। ज्यादातर बीटल सफेद आंख के होते हैं। बीटल खुद को किसी भी वातावरण और जलवायु के साथ आसानी से अपना सकती है। बीटल के लंबे सपाट झुके हुए कान होते हैं जो लगभग 18 – 25 सेमी लंबे होते हैं। पहली गर्भाधान की औसत आयु 18 महीने है। बीटल डेढ़ साल में दो बार बच्चे देती है। बीटल बकरी ज्यादातर दो बच्चे देती है।

बीटल बकरी का पालन से जुडी जानकारी

आपको अब बतातेब है इसके पालन से जुडी जानकारी बकरी पालन शुरू करने के लिए ऐसी जगह चुनें जहां नमी न हो और आसपास खुला मैदान हो ताकि आप बकरियों को रोजाना हरा चारा खिला सकें। शुद्ध हवा और पीने का पानी हो तो बकरी पालने और खाने-पीने का खर्चा कम से कम हो और आपको ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके। शेड में बकरियों की संख्या उतनी ही रखें, जितना आप आसानी से रख सकें इनके आसपास के स्थानों की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। बीटल नस्ल सामान्य चराई के बजाय झाड़ियों, पेड़ के पत्तों और घास के शीर्ष पर ब्राउज़ करती है| बकरियों के चारे में हरि पत्ती का प्रयोग अवश्य करें, यह उनके लिए बहुत फायदेमंद होता है और साथ ही हम उन्हें ग्वार का भूसा, मूंगफली का भूसा आदि भी दे सकते हैं। पाले जाने वाली बकरियों में विभिन्न प्रकार के रोग भी हो सकते हैं, जैसे अतिसार, अतिसार आदि रोग, जिनकी रोकथाम के लिए टीकाकरण का प्रयोग किया जाता है।

यह भी पड़े-दबंग नेताओं की पहली पसंद Mahindra Bolero ने मचाया मार्केट में कहर,धाकड़ फीचर्स के साथ कंटाप लुक से Innova का किया सूपड़ा साफ

बीटल बकरी की दूध देने की क्षमता भी होती है ज्यादा

इस बकरी की सबसे बड़ी विशेषता यह है की बीटल बकरियां प्रति दिन 1.5 से 4 किलोग्राम दूध देने की क्षमता होती है इसलिए बीटल बकरियां डेयरी उत्पादन के लिए सबसे अच्छी बकरियों में से एक हैं, और वे सबसे अच्छी मांस बकरी की नस्लों में से एक हैं। लेकिन लोग अपनी रुचि के लिए बीटल बकरी रखते हैं, वे पालतू जानवर के रूप में उपयोग करते हैं और उनका उपयोग आय के लिए किया जा सकता है। आप इन बीटल को पालतू जानवर के रूप में बेचने के लिए प्रजनन कर सकते हैं, या आप उन्हें दूध देने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

बीटल बकरी की कीमत कितनी है

अब आपको बीटल बकरी के कीमत के बारे में बताये तो आपको बता दे की बाजार में यह बकरी ₹25000 से 30000 के आसपास बिकती है. तो यह थी बीटल बकरी से जुडी कुछ जानकारी जो आपके साथ इस पोस्ट में साझा की है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *