Business Idea : घर की तस्मे भर की जगह में करे इस मुर्गे का पालन, कम समय में बना देंगा अपार सम्पत्ति का मालिक
![घर की तस्मे भर की जगह में करे इस मुर्गे का पालन](https://divyajagran.in/wp-content/uploads/2023/10/घर-की-तस्मे-भर-की-जगह-में-करे-इस-मुर्गे-का-पालन-1024x576.jpg)
Business Idea : घर की तस्मे भर की जगह में करे इस मुर्गे का पालन, कम समय में बना देंगा अपार सम्पत्ति का मालिक। भारत में मुर्गी पालन का व्यवसाय बड़े पैमाने में किया जा रहा है। ऐसे में लोग मुर्गी पालन के जरिए एक अच्छी कमाई का स्रोत बन सकते है। भारत में अंडे की मांग भी काफी अधिक है, लोग शरीर में प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाने के लिए अंडों का सेवन करते हैं। इस नस्ल के मुर्गी के अंडे भी काफी महंगे बिकते है।
![](https://divyajagran.in/wp-content/uploads/2023/10/image-291.png)
सरकार चला रही है कई योजना
सरकार भी लगातार युवाओं को रोजगार के लिए कुछ न कुछ स्किम चला रही है। अब सरकार भी पोल्ट्री फार्मिंग के व्यवसाय को बढ़ावा दे रही है, इसके लिए कई सब्सिडी योजनाएं चलाई जा रही हैं। असील नस्ल की मुर्गियों का पालन मांस उत्पादन के लिए अधिक से अधिक किया जाता है। असील नस्ल की मुर्गियों की अंडा देने की क्षमता उत्तम नहीं होती है, यह साल में केवल 60 से 70 अंडे ही देती है। इस मुर्गी के अंडे की कीमत जानकार आपको भी हैरानी होंगी।
इस नस्ल की मुर्गी के अंडे की कीमत रहती है बहुत अधिक
![](https://divyajagran.in/wp-content/uploads/2023/10/image-290.png)
जानकारी के लिए बताते है असील मुर्गी का पालन करके आप भी लाखो रुपये की कमाई कर सकते है। असील मुर्गी के अंडे की कीमत भी काफी अधिक होती है। बाजार में एक अंडे की कीमत 100 रुपए देखने को मिलती है। साथ ही इसके मीट की कीमत भी काफी अधिक देखने को मिल रही है। इसके अलावा इस मुर्गी के अंडे के सेवन से आंखों को काफी फायदेमंद साबित हो जाता है। असील मुर्गियां अन्य मुर्गियों की तुलना में काफी अलग हैं, जिस कारण से इन्हें पॉल्ट्री फॉर्म की बजाय बैकयार्ड फार्म में पाला जाता है।
यह भी पढ़िए – Hero Splendor Xtec : Bajaj Platina की नई Hero Splendor ने बजाई बैंड, शानदार फीचर्स के साथ मिलता है दमदार इंजन
लड़ाकू प्रवर्ती के होते है यह मुर्गे
![](https://divyajagran.in/wp-content/uploads/2023/10/image-289.png)
असील मुर्गे लड़ाकू प्रवर्ती के होते हैं, यह कोई नई किस्म नहीं है और ना ही इसे विकसित किया गया है, बल्कि यह मुगलों के शासन से चले आ रहे हैं। आपने फिल्मों में या कहानियों में सुना ही होगा कि पुराने समय में नवाब बड़े-बड़े मुर्गों को लड़ाने का शौक रखा करते थे, जिसके लिए वह रंग बिरंगे मुर्गे असील मुर्गे ही पाला करते थे. मुर्गे लड़ाने के परंपरा अभी भी कई जगहों पर देखी जा सकती है।